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Showing posts from March 30, 2025

ब्रिटिश शिक्षा नीति और बिहार

 बिहार, जो प्राचीन काल में शिक्षा का विश्वगुरु रहा था, ब्रिटिश शासन के दौरान शिक्षा के क्षेत्र में कई बदलावों से गुजरा। ब्रिटिश सरकार की नीतियों ने यहाँ की पारंपरिक शिक्षा प्रणाली को प्रभावित किया और आधुनिक शिक्षा प्रणाली की नींव रखी। हालाँकि, यह बदलाव सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिस्थितियों से प्रेरित था। आइए जानते हैं कि ब्रिटिश काल में बिहार की शिक्षा व्यवस्था कैसी थी और इसने यहाँ के समाज को कैसे प्रभावित किया। 1. ब्रिटिश शासन से पहले बिहार की शिक्षा व्यवस्था ब्रिटिश शासन से पहले बिहार में गुरुकुल और मदरसों की परंपरा थी, जहाँ विद्यार्थी धर्म, दर्शन, गणित, खगोलशास्त्र, चिकित्सा और साहित्य की शिक्षा प्राप्त करते थे। इसके अलावा, नालंदा और विक्रमशिला जैसे विश्वविद्यालयों की विरासत ने बिहार को शिक्षा का केंद्र बनाए रखा था। लेकिन 12वीं शताब्दी के बाद बिहार की पारंपरिक शिक्षा प्रणाली धीरे-धीरे कमजोर पड़ने लगी और जब ब्रिटिश शासन आया, तो उन्होंने अपनी नीतियों के अनुसार शिक्षा प्रणाली में बड़े बदलाव किए। 2. ब्रिटिश शिक्षा नीति और बिहार ब्रिटिश सरकार ने भारत में अपनी प्रशासनिक आवश्यकताओं ...

बिहार की प्राचीन शिक्षा प्रणाली

  भारत की प्राचीन  शिक्षा   प्रणाली पूरे विश्व में बिहार की वजह से प्रसिद्ध हुआ करता था।  प्राचीन काल में बिहार शिक्षा का एक प्रमुख केंद्र था, जहाँ नालंदा और विक्रमशिला जैसे विश्वविद्यालय विश्वविख्यात थे। बिहार की प्राचीन शिक्षा प्रणाली न केवल भारतीय उपमहाद्वीप बल्कि पूरी दुनिया के लिए प्रेरणा का स्रोत थी। आइए इस गौरवशाली इतिहास को विस्तार से समझते हैं। नालंदा विश्वविद्यालय:  प्राचीन शिक्षा  प्राचीन शिक्षा का प्रतीक नालंदा विश्वविद्यालय, जिसे 5वीं शताब्दी में गुप्त सम्राट कुमारगुप्त प्रथम ने स्थापित किया था, प्राचीन भारत का सबसे प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान था। यह विश्वविद्यालय केवल भारत ही नहीं बल्कि चीन, जापान, कोरिया, तिब्बत और अन्य एशियाई देशों के छात्रों के लिए भी शिक्षा का प्रमुख केंद्र था। नालंदा विश्वविद्यालय की विशेषताएँ: यहाँ 10,000 से अधिक छात्र और 2,000 से अधिक विद्वान शिक्षक थे। पाठ्यक्रम में बौद्ध धर्म, वेद, व्याकरण, खगोलशास्त्र, गणित, आयुर्वेद, तर्कशास्त्र और अन्य विषय शामिल थे। पुस्तकालय (धर्मगंज) में लाखों ग्रंथ मौजूद थे, जिसे तीन भागों में ...