बिहार, जो प्राचीन काल में शिक्षा का विश्वगुरु रहा था, ब्रिटिश शासन के दौरान शिक्षा के क्षेत्र में कई बदलावों से गुजरा। ब्रिटिश सरकार की नीतियों ने यहाँ की पारंपरिक शिक्षा प्रणाली को प्रभावित किया और आधुनिक शिक्षा प्रणाली की नींव रखी। हालाँकि, यह बदलाव सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिस्थितियों से प्रेरित था। आइए जानते हैं कि ब्रिटिश काल में बिहार की शिक्षा व्यवस्था कैसी थी और इसने यहाँ के समाज को कैसे प्रभावित किया। 1. ब्रिटिश शासन से पहले बिहार की शिक्षा व्यवस्था ब्रिटिश शासन से पहले बिहार में गुरुकुल और मदरसों की परंपरा थी, जहाँ विद्यार्थी धर्म, दर्शन, गणित, खगोलशास्त्र, चिकित्सा और साहित्य की शिक्षा प्राप्त करते थे। इसके अलावा, नालंदा और विक्रमशिला जैसे विश्वविद्यालयों की विरासत ने बिहार को शिक्षा का केंद्र बनाए रखा था। लेकिन 12वीं शताब्दी के बाद बिहार की पारंपरिक शिक्षा प्रणाली धीरे-धीरे कमजोर पड़ने लगी और जब ब्रिटिश शासन आया, तो उन्होंने अपनी नीतियों के अनुसार शिक्षा प्रणाली में बड़े बदलाव किए। 2. ब्रिटिश शिक्षा नीति और बिहार ब्रिटिश सरकार ने भारत में अपनी प्रशासनिक आवश्यकताओं ...
बिहार की शिक्षा प्रणाली प्राचीन और आधुनिक तकनीकों का मिश्रण है।